कभी तुम भी क्या ख्यालों में मुझे सुनते हो इसी ख्याल में हम बेख्याल से।। कभी तुम भी क्या ख्यालों में मुझे सुनते हो इसी ख्याल में हम बेख्याल से।।
वापस मुड़कर अब कोई तुम्हें, फोन हाथ मे लिए नज़र आता है क्या ? कभी बस यूँ ही तुम्हें मेरा ख्याल आत... वापस मुड़कर अब कोई तुम्हें, फोन हाथ मे लिए नज़र आता है क्या ? कभी बस यूँ ही त...
प्यार का क्या है! प्यार का क्या है!
और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो। और तुम... तुम मुझमें रहकर भी मुझसे जुदा हो।
बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखावी रिश्ते। बन कर फल कभी थोड़े कच्चे तो कभी थोड़े पक्के, लटकते अधटूटी टहनियों से दिखा...
कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश वाणी सी क कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश ...